कोलकाता हत्या कांड पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में एक नया विधेयक पेश किया है, जिसमें बलात्कारियों के लिए कठोर सजा का प्रावधान है।
कोलकाता हत्या कांड “अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून और संशोधन) विधेयक 2024” नामक इस विधेयक में बलात्कार के दोषियों के लिए फांसी की सजा का प्रस्ताव है, खासकर जब पीड़िता की मृत्यु हो जाती है या वह स्थायी निष्क्रियता में चली जाती है।ममता बनर्जी सरकार द्वारा प्रस्तुत इस मसौदा विधेयक में बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के दोषियों के लिए आजीवन कारावास का भी प्रस्ताव है। यह विधेयक मौजूदा कानूनों में संशोधन करके महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को और मजबूत करने का प्रयास करता है।
इस विधेयक के तहत भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 (POCSO) में भी संशोधन का प्रस्ताव है। इन बदलावों का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की जांच और अभियोजन में तेजी लाना और सख्त दंड प्रणाली स्थापित करना है।
विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि इसका एक मुख्य लक्ष्य राज्य में महिलाओं और बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना है। राज्य सरकार का यह कदम राज्य की महिलाओं और बच्चों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।हाल ही कोलकाता हत्या कांड में एक महिला चिकित्सक के बलात्कार और हत्या के बाद सरकार ने इस विधेयक को पेश करने का निर्णय लिया है।
राज्य के कानून मंत्री मोलॉय घटक इस विधेयक को पेश करेंगे।विधेयक में बलात्कार के मामलों की जांच के लिए समय सीमा को भी संशोधित किया गया है। अब जांच की अवधि को दो महीने से घटाकर 21 दिन कर दिया गया है, जिसे तीन सप्ताह की अधिकतम सीमा तक बढ़ाया जा सकता है।
इस विधेयक के तहत बार-बार अपराध करने वालों को आजीवन कारावास या मौत की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा, बिना अनुमति के अदालती कार्यवाही के बारे में कुछ भी प्रकाशित करने वाले को तीन से पांच साल की जेल और जुर्माना का भी सामना करना पड़ेगा।